When I took a boat to actual MANDWA …

अग्निपथ … मुंबई से मांडवा


विजय रेहता तो मुंबई में था … लेकिन उसका दिल किसी लोहे के लंगर सा
मांडवा के समंदर किनारे गेहरे पानी में धस गया था ..यही लंगर उसे एक बार
फिर मांडवा खींच लाया …”

Leave a Comment